A Review Of Shiv chaisa
A Review Of Shiv chaisa
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जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
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नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
कानन कुण्डल नागफनी के ॥ अंग गौर शिर गंग बहाये ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
पाठ करने से पहले गाय के घी का दिया जलाएं और एक कलश में शुद्ध जल भरकर रखें।
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
शिव चालीसा के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता shiv chalisa lyricsl है।